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हल्द्वानी (नैनीताल)। उत्तराखण्ड के नोटिफाइड प्रेस क्लबों में सरकार व शासन से प्राप्त धन की कोई मानीटरिंग न होने और दी गई सुविधाओं का कुछ ही पत्रकारों, उनके संमूहों और संगठनों द्वारा उपभोग करने और अधिसंख्य पत्रकारों को प्रेस क्लब की सदस्यता से वंचित रखने पर पर हल्द्वानी के पत्रकार भी मुखर हो गये हैं। आज इसी मुद्दे को लेकर नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की जिलाध्यक्ष दया जोशी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने नगर मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में अधिसूचित प्रेस क्लबों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने की मांग की है।
ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार द्वारा अधिसूचित प्रेस क्लबों को करोड़ों रूपये की भूमि व भवन आवंटित करने के साथ निर्वाचित जनप्रतिनिधियों सहित सरकारी व गैर सरकारी मद से इन्हें समय-समय पर अनुदान और सहायता भी प्राप्त होती है। किन्तु प्रेस क्लबों की सुविधाओं और संसाधनों का लाभ राज्य के अधिकतर पत्रकारों को नहीं मिल रहा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार ने जिस उद्धेश्य और मंशा से जिन प्रेस क्लबों को अधिसूचित किया था, उन पर चंद लोगों के समूह या संगठनों का एकाधिकार है, और वे अधिसंख्य पत्रकारों की क्लब की सदस्यता नहीं देते। ज्ञापन में कहा गया है कि अधिसूचित प्रेस क्लब पत्रकारों की प्रतिनिधि संस्था नहीं हैं जिस कारण लगभग सभी जगह विवाद की स्थिति है। क्योंकि उत्तराखण्ड में प्रेस क्लबों से अलग पत्रकारों की अनेक पंजीकृत यूनियने और पंजीकृत संस्थाएं भी हैं।
यूनियन कीे की ओर से भेजे गये ज्ञापन में मांग की गयी है कि सरकारी अनुदान व निधियों से प्रेस क्लब को आवंटित भूमि, भवन व संसाधनों का लाभ केवल चंद पत्रकारों के बजाय लोकहित में राज्य के सभी पत्रकारों को मिलना चाहिए। सभी के लिए इनकी सदस्यता के द्वार भी खुले होने चाहिए। साथ ही सरकार, शासन, निगम, निकाय सहित मंत्री, सांसद या विधायक निधि से किसी भी रूप में सहायता प्राप्त करने वाले प्रेस क्लबों में जिला सूचना अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त की जानी चाहिए। इस अवसर पर आनंद कुमार बत्रा, सुरेन्द्र सिंह मौर्य, शंकर दत्त पाण्डे आदि उपस्थित रहे।

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