देहरादून ।
पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत संस्था नेचर साइन्स इनिशिएटिव (एन.एस.आई) उत्तराखंड सरकार के शिक्षा विभाग के साथ मिलकर राज्य के राजकीय विद्यालयों में पर्यावण शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए कार्य करेगी। इस सन्दर्भ में उत्तराखंड राज्य समग्र शिक्षा परियोजना के निदेशक बंशीधर तिवारी ने एन.एस.आई. के निदेशक डॉ. रमन कुमार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस दौरान शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी अत्रेय सयाना, सीमा जौनसारी, बी.पी. मैंदोली तथा एन.एस.आई. की ओर से डा. सौम्या प्रसाद और रिद्धिमा करवा भी उपस्थित रहे।
समझौते के अनुसार अगले 3 वर्षों में उत्तराखंड के 7 ज़िलों के 200 राजकीय विद्यालयों में ‘नेचर विद्या’ कार्यक्रम शामिल किया जायेगा। ‘नेचर विद्या’ (www.naturevidya.org) राज्य का सर्वप्रथम ऑनलाइन पर्यावरण प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो वर्तमान पाठ्यक्रम पर आधारित है और राज्य के पर्यावरण की विशेषताओं को देखते हुए बनाया गया है। नेचर विद्या का उद्देश्य पर्यावरण शिक्षा को क्रिया पर आधारित व स्थानीय परिपेक्ष के अनुकूल बनाना है ताकि बच्चों की शिक्षा वास्तविक अनुभवों के माध्यम से गहन बन सके। इस कार्यक्रम की परिकल्पना एन.एस.आई. से सम्बद्ध अनुभवी वैज्ञानिकों व प्रशिक्षकों ने की है जिसमें डॉ रमन कुमार, डॉ सौम्या प्रसाद, रिद्धिमा करवा, राजेश भट्ट, जीतेन्द्र सिंह, श्री केशर सिंह, बशीर बानिया एवं मोहन पाण्डेय शामिल हैं। ‘नेचर विद्या’ का औपचारिक उद्घाटन अगस्त 2021 में वन मंत्री द्वारा गया था।
कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षकों को ‘नेचर विद्या’ पोर्टल का उपयोग करने के लिए ट्रेनिंग राज्य व जिला स्तर पर शिक्षा विभाग के ‘सीमेट’ व ‘डाइट’ संस्थानों की सहयोग से की जाएगी। ‘नेचर विद्या’ द्वारा राज्य के विद्यालयों में स्थापित इको-क्लबों को प्रभावी बनाने में भी मदद मिलेगी। स्थानीय समुदाय, जो क्षेत्रीय पर्यावरण के ज्ञान का अपार भंडार हैं, भी कार्यक्रम के क्रियान्वन में शिक्षकों की सहायता करेंगे।
उत्तराखंड में नेचर विद्या कार्यक्रम के सफल संचालन और विस्तार के लिए एन.एस.आई. जे.बी.जी.वी.एस, केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एनविस कार्यक्रम और विप्रो अर्थियन कार्यक्रम सहित विभिन्न सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों के साथ भी मिलकर काम करेगा।