देहरादून। दा मलंग आर्ट की ओर से 11 दिवसीय सांस्कृतिक मेले का आयोजन शुरू किया गया। इस मौके पर प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने देर शाम को मेले का उदघाटन किया। अपनी संस्कृति को जीवित रखने और उत्तराखंड की पहाड़ी ब्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए, हस्तशिल्प प्रदर्शनी एवम बिक्री के लिए मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला हस्तशिल्पकारों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। दा मलंग शिल्प,व्यंजन और म्यूजिक प्रदर्शनी का श्री गुरु नानक पब्लिक महिला इंटर कॉलेज ग्राउंड रेस कोर्स में शनिवार से शुरू हो गया है। मेले में आगामी 14 फरवरी तक प्रदर्शनी में सुबह दस से रात्रि दस बजे तक अलग अलग कार्यक्रमों का आनंद लेने के साथ ही यहां शिल्प कलाओं की खरीददारी भी की जा सकेगी। वहीं कई तरह के व्यंजनों का भी लुत्फ ले सकेंगे। इस मौके पर वन मंत्री ने कहा कि देश के हर क्षेत्र में देशी उत्पादन की बहुत पुरानी और पुश्तैनी परंपरा रही है, वह लुप्त हो रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के आह्वाहन ने भारत के स्वदेशी उद्योग में नई जान डाल दी है। उन्होंने कहा कि देश का हर क्षेत्र, लकड़ी, ब्रास, बांस, शीशे, कपडे, कागज़, मिटटी के शानदार उत्पाद बनाने वाले हुनर के उस्तादों से भरपूर है। इनके इस दा मलंग आर्ट शानदार स्वदेशी उत्पादन को मौका-मार्किट मुहैया कराने के लिए बड़ा प्लेटफार्म देने जा रहा है। स्वदेशी उत्पादों की आकर्षक पैकेजिंग के लिए भी विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से दस्तकारों-शिल्पकारों की मदद की जा रही है। इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को और मजबूती मिल रही है।दा मलंग प्रदर्शनी के आयोजक ऋषि कुमार झा ने बताया कि यहां यहां आयोजित होने वाला दा मलंग इवेंट वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए स्वदेशी शिल्पकार एवं दस्तकारों का प्लेटफार्म है। उन्होंने बताया कि मेला निशुल्क किया गया है। रविवार को उत्तराखंड के जाने माने जागार और संगीतकार प्रीतम भरत्वाण मेले में अपनी गीतों की प्रस्तुति देंगे।
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इन राज्यों के दस्तकार शिल्पकारों ने किया प्रतिभाग
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 300 दस्तकार शिल्पकार कारीगर अपने स्वदेशी हस्त निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी व बिक्री के लिए आए हैं। इस इवेंट में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली, नागालैंड,मध्य प्रदेश, मणिपुर, बिहार, आंध्र प्रदेश, झारखंड, गोवा, पंजाब, लद्दाख, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ व अन्य इलाकों से कारीगर अपने लकड़ी, बांस ब्रास, शीशे, कपड़े, कागज मिट्टी आदि के शानदार उत्पाद लेकर आए हैं। इसके साथ-साथ आपको अलग-अलग राज्यों के पकवानों का स्वाद भी दा मलंग में मिलेगा। इस मौके पर लोकल कॉर्डिनेशन करने वाले सिनमिट कम्युनिकेशंस के डायरेक्टर दलीप सिंधी और राजीव मित्तल ने बताया कि इसके बाद अन्य 40 बडे शहरों में दा मलंग प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। उत्तराखंड से इसकी शुरुआत हो गई है।